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RAJKOT
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ભટકેલો માણસ છું , ભટકતા ભટકતા માતૃભારતી એપમાં આવી ગયો.લખવાનું ચાલુ કર્યુ.તેમાં વાંચકોનો સાથ મળી ગયો એટલે કલમ ચાલવા લાગી. કલમનો સાથ અને વાંચક નો સાથ પછી જોઇએ બીજું.બિન્દાસ્ત માણસ.
હિન્દુ
भगत सिंह जी ने जहाँ एक ओर अपनी देशभक्ति से विदेशी हुकूमत को घुटने पर लाने का काम किया, वहीं दूसरी ओर अपने विचारों से स्वतंत्रता के संघर्ष में अलग-अलग बँटे भारत को एक करने का काम किया। देश की आजादी के लिए हँसते-हँसते फाँसी पर झूलने वाले भगत सिंह जी के सर्वोच्च बलिदान से पूरे भारत में स्वाधीनता की लहर और प्रचंड हो गयी। भगत सिंह जी का देशप्रेम और उनके विचार युगों-युगों तक राष्ट्रसेवा की अलख जगाते रहेंगे।भारत माँ के वीर सपूत, महान क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह जी की जयंती पर उन्हें कोटि कोटि नमन। #ShaheedBhagatSingh
#AshokSinghal #VHP हिन्दू जागरण के सूत्रधार "अशोकजी सिंघल" जन्म जयंती - 27 सितम्बर 1926 श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन जब अपने यौवन पर था, उन दिनों जिनकी सिंह गर्जना से रामभक्तों के हृदय हर्षित हो जाते थे, उन श्री अशोक सिंहल को संन्यासी योद्धा भी कह सकते हैं.
"भारत माता से माता शब्द हटा लीजिए तो यह जमीन का एक टुकड़ा रह जायेगा" पंडित दीन दयाल उपाध्याय पंडित जी के कुछ अन्य विचार - ~ हमारी राष्ट्रीयता का आधार भारत माता है सिर्फ भारत नहीं। इसमें से माता शब्द हटा लीजिए तो भारत एक जमीन का टुकड़ा मात्र बनकर रह जायेगा। ~ हम लोगों ने अंग्रेजी वस्तुओं का विरोध करने में तब गर्व महसूस किया था जब वे हम पर शासन करते थे। पर हैरत की बात है कि अब जब अंग्रेज जा चुके हैं, पश्चिमीकरण प्रगति का पर्याय बन चुका है। ~ यदि समाज का हर व्यक्ति शिक्षित होगा तभी वह समाज के प्रति दायित्वों को पूरा करने में समर्थ होगा। ~ रिलिजन शब्द का अभिप्राय पंथ या सम्प्रदाय से होता है इसका अर्थ धर्म तो बिल्कुल नहीं हो सकता है। ~ भारत में नैतिकता के सिद्धांतों को धर्म कहा जाता है। #पंडित_दीनदयाल_उपाध्याय
#PanditDindayalUpadhayay #पंडित_दीनदयाल_उपाध्याय एकात्म मानववाद के प्रणेता "पंडित दीनदयाल उपाध्याय" जन्म जयंती पर विनम्र अभिवादन
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की तीन सीटों पर ऐतिहासिक जीत! भारत माता की जय 🚩🚩 -Pandya Ravi
अम्बर में कुन्तल-जाल देख, पद के नीचे पाताल देख, मुट्ठी में तीनों काल देख, मेरा स्वरूप विकराल देख। सब जन्म मुझी से पाते हैं, फिर लौट मुझी में आते हैं। रामधारी सिंह 'दिनकर' जी की जन्मजयंती पर सादर नमन
#RamdhariSinghDinkar राष्ट्र आराधना के ओजस्वी स्वर, कालजयी रचनाकार, 'राष्ट्रकवि' रामधारी सिंह 'दिनकर' की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! - 23 सितंबर 1908
वक्रतुण्ड महाकाय, सूर्यकोटि समप्रभ । निर्विघनम कुरु मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा ।।
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