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साहित्य समाज का आईना है। कल भी था, आज भी है और कल भी रहेगा....
हर चीज़ आपको कुछ-न-कुछ सिखाती है..... अब सर्वाइकल 😣 को ही ले लो मुझे सीधा बैठना 🧘♀️ सिखा दिया 🤪😭😞🥴 #Cervical_spondylitis
घड़ी की सुईयों को कदम-दर-कदम चलना सिखाते- सिखाते मैंने ध्यान ही नहीं दिया कि कब चंद्रमा अपने रथ की बागडोर सूरज के हाथों में थमा गया। पहले तो उस उजाले में फर्क ही नहीं कर पाई पर जब गर्माहट महसूस हुई तो एहसास हुआ कि दिन काफ़ी चढ़ आया है। https://priyan-sri.blogspot.com/2021/06/11.html आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा में 🙏
मेरा एकलौता रिश्ता, मेरी मम्मा....... निःशक्त बेड पर पड़ी थीं। आक्सीजन मास्क के अंदर से आती उनकी गर्म मगर धीमी सांसों की भाप मुझे यहाँ से भी दिख रही थी। https://priyan-sri.blogspot.com/2021/05/10.html आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा में 🙏
देखो बारिश हो रही है 😃.... It's raining ☔
कभी प्यासे को वाॅटर पिलाया नहीं, अब क्वार्टर पिलाने से क्या फ़ायदा.... 🤪🤪 #भारत_में_चुनाव
गुलाब का फूल बाग में खिल रहा है, कमल का फूल तालाब में तैर रहा है, जैस्मीन का फूल चमन में महक रहा है और अप्रैल का फूल ये चुटकुला पढ़ रहा है 😂😂 #मूर्ख_दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🥳 😇 🎃 😜
मेरी मय्यत पे कोई रोया है, इसलिये जल गया कफ़न मेरा...... मय्यत = अर्थी
आपकी तारीफ से लेखन की ऊर्जा मिलती है 🙏
बहुत - बहुत शुक्रिया बंधु 🙏
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