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*गुज़र जाते हैं खूबसूरत लम्हें , यूं ही मुसाफिरों की तरह ...* *यादें वहीं खडी रह जाती हैं, रूके रास्तों की तरह ...* *एक "उम्र" के बाद "उस उम्र" की बातें "उम्र भर" याद आती हैं, पर.......* *"वह उम्र" फिर "उम्र भर" नहीं आती...* -Prerna Verma
मुसाफिर कल भी था, मुसाफिर आज भी हूँ; कल अपनों की तलाश में था, आज अपनी तलाश में हूँ। न जाने कौन सी शोहरत पर आदमी को नाज है, जबकि आखरी सफर के लिए भी आदमी औरों का मोहताज है -Prerna Verma
सब फ़ैसले हमारे नहीं होते, बल्कि कुछ वक्त के भी होते हैं । -Prerna Verma
*हथेली पर रखकर नसीब हर शख्स मुकद्दर ढूंढता है!* *सीखो उस समंदर से जो टकराने के लिए हमेशा पत्थर ढूंढता है!*
जो कहते थे तुझसे बिछड़ने के बाद, वीरान हो जाएगी ज़िन्दगी, आज पूरे शहर में उन्हीं का घर सबसे रोशन मिला।💔
बड़ा शौक़ था उन्हे मेरा आशियाना देखने का, जब देखी मेरी गरीबी तो रास्ता बदल लिया!!💔💔 -Prerna Verma
ख्वाहिशें तो मेरी छोटी छोटी थी, पूरी न हुई तो बड़ी लगने लगीं -Prerna Verma
ये कैसी चाहत है कि मिटती ही नहीं., जी भर के तुझे देख लिया,,😍 फिर भी नजर हटती नहीं..❤️❤️
खामोशियां बोल देती हैं, जिनकी बातें नहीं होती....! इश्क उनका भी कायम रहता है जिनकी मुलाकातें नहीं होती...//❤️❤️ -Prerna Verma
इश्क करो तो मुस्कुरा कर, किसी को धोखा न दो अपना बना कर, कर लो याद जब तक जिन्दा हैं, फिर न कहना चले गये दिल में यादे बसा कर।💔💔 -Prerna Verma
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