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@arandhanpura24gmailc
....\.....किसीने अपना थोड़ा सा वक़्त दिया था मुझको......मैने आज तक उसे इश्क़ समजकर संभाल रखा है,,,, लाख दूरिया सही दरमियां,,, तेरे अहसास से मुहोब्बत करते है,,,,,@
"कोई करता है, ,,,,,,,,,,,, मोहब्बत में इंतजार, तो कोई इंतजार से ही, ,,,,, मोहब्बत किये बैठा है",,,,@
मशगूल वो भी हैं, ,,,,,,,मशगूल हम भी हैं मगर अफ़सोस, वो उन-ही में हैं, ,,,,ओर् हम उन्हीं में हैं ,,@
तेरे हाथों की मेहंदी गालों पर निखर कर आई है तेरे लबों की लाली ने यह महफ़िल सजाई है,,,@
ये गहरी लालीमा शाम की तेरीयादोंके ,,,,,,,,समंदर में पिघल रही है रौशनी की कुछ बुँदे पानी में गिरकर ,,,,,,,, चिँगारी सी जल रही है...@
मोतियों से पिरोयी थी मोहब्बत मैंने, ,,,,,,,,,,,,,मगर खता ये हुई कि धागा ही कच्चा चुन लिया मैंने,,,,@
उस एक चेहरे ने हमें तन्हा ,,,,,,,,कर दिया वरना; हम तो अपने आप में ही एक ,,,,,महेफ़िल हुआ करते थे,,,@
मेरे दिल की गहराई मे उतरो, जहां सुर्ख दीवारें होंगी जरा छुना लहू के कतरे को, तासीर तुम्हारी होगी वहां रंग सभी मेरे अपने होंगे, ,,,,,,,,,,,,पर तस्वीर तुम्हारी होगी जो बात है तुमसे कहनी, लफ्जों में बयां न होगी
हम सिर्फ अल्फ़ाज़ ही नहीं लिखते उसमें,,,,,,,💔 दर्द पिरोते हैं, हम शायर हैं दोस्त ,,, जो स्याही से रोते हैं ,,,,@
जागती आँखों से एक ,,,,,,, ख्वाब बुना है मैंने हज़ार चेहरों में सिर्फ तुझको ,,,,,,,,चुना है मैंने, तेरी खुशबू से महक जाते है ,,,,,,साँसों के गुलाब तेरे बारे में हवाओं से सुना है ,,,,,,,,,मैंने,,,,,@
कुछ रंग बिखरे हैं अल्फ़ाज़ों में ,,,,,,,,,,कुछ रंग उड़ रहे एहसासों में, हर रंग आज छू कर तुम्हें ,,,,,,,,,घुल के समा रहे मेरी सांसों में,,,,,@
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