में समय हूँ ! - 4

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(अब तक : महाराज अपरिचित को मिलने कैदखाने में जाते है इस मक्सद से की उसे मिलेंगे उतर उस बात के जो उसे चाहिए थे मगर हुआ कुछ ऐसा की राजा की मुश्केलिया कई गुना बढ़ गई। उस अनजान ने भविष्यवाणी करदी थी कि आज रात्रि को उसका राज्य संकट में है । दूसरी ओर महाराज की खीर में ज़हर मिलता है व सैनिको के विद्रोह की सूचना प्राप्त होती है। महाराज के ऊपर काले बादल मंडरा चुके है )अब आगे : जैसे कि महाराज के ऊपर ओर संकट आने वाले हो वैसे ही एक सैनिक भोजनखण्ड