उजाले की ओर ---संस्मरण

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उजाले की ओर ---संस्मरण ------------------------ आज़ादी की 75 वीं सालगिरह ! हम सब बड़े ज़ोर-शोर से झंडे लेकर खड़े हो जाते हैं हर चौराहे पर छोटे-छोटे बच्चों के हाथ में झंडे देखकर उन्हें खरीदकर उनके साथ या केवल झंडे के साथ अपनी तस्वीरें सोशल-मीडिया पर अपलोड करके हम देश भक्त बन जाते हैं लेकिन एक दिन ही क्यों ?हमारा भारत ऐसा हो कि हम हर पल ही आज़ादी को महसूस करें ,उसे जीएँ याद कर सकें अपने उन देश के पहरेदारों को जो हमारी सीमा पर चौबीसों घंटे तैनात रहते हैं जीने और