मेरी अधूरी प्रेमकहानी

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आँखों से निकलते हैं आँसूजब याद आती है तेरी हर बाततू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।वो जिद तेरी कि गर्लफ्रेण्ड बन जाओवो इनकार मेरा कि नहीं अभी रुक जाओथोड़ा समय दो एक दूसरे को जानने काक्यों बहक रहे थोड़ा तो सम्भल जाओयाद है मुझे आज भीपहले कन्वेर्सेशन की पहली बातभूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।जिद में तेरे दम था बड़ाऔर मेरा नियंत्रण भी कमजोर पड़ाहार गई तेरी जिद के आगे, क्यूँ के मेरे दिल में भी था स्वप्नमहल खड़ातुझे देखकर उमड़े थे मेरे भी जज्बातभूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।डर लगता था मुझे तेरे