Hindi Story videos by Raju kumar Chaudhary Watch Free

Published On : 08-Aug-2025 06:25pm

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एक समय की बात है,
एक ईमानदार लकड़हारा जंगल में पेड़ काट रहा था।
अचानक उसकी कुल्हाड़ी हाथ से फिसल गई और नदी में गिर पड़ी।

वह बहुत दुखी हो गया और बैठकर रोने लगा।
तभी नदी के देवता प्रकट हुए और बोले,
“तुम क्यों रो रहे हो?”

लकड़हारे ने जवाब दिया – “मेरी कुल्हाड़ी नदी में गिर गई है।”

देवता ने पहले सोने की कुल्हाड़ी दिखाई –
“क्या यह तुम्हारी है?”

लकड़हारे ने कहा – “नहीं।”

फिर उन्होंने चाँदी की कुल्हाड़ी दिखाई –
“क्या यह तुम्हारी है?”

लकड़हारे ने फिर कहा – “नहीं।”

अंत में देवता ने लोहे की कुल्हाड़ी दिखाई –
“हाँ, यह मेरी ही है।”

देवता उसकी ईमानदारी से बहुत प्रसन्न हुए।
उन्होंने उसे तीनों कुल्हाड़ियाँ दे दीं –
सोने की, चाँदी की और लोहे की भी।

सीख:
“ईमानदारी का फल हमेशा मीठा होता है।”

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