Hindi Poem videos by Kalpana Watch Free

Published On : 02-Mar-2022 10:37pm

270 views

तिरंगे सा कोई बन न पाया


तेरा गुरूर काम न आया

 मिट्टी की सौगंध है

तिरंगे सा कोई बन न पाया

 बारुदों के बीच, दहल गया जहां

 वहीं उम्मीदों की  किरणों- सा

 बन मसीहा जान बचाई

 बिलखते अरमान बहते आंसुओं को 

मां का आंचल बन संभाला जिसने

 तिरंगे सा कोई बन न पाया

मिट्टी कोई भी, कहीं भी, कैसी भी,

 अपनों को छांव देता बरगद जैसा

 किलकारीयों को आबाद किया 

मुस्कुराहट चेहरे पर 

बेमिसाल देखकर

 मिट्टी को तूने पावन किया

 तिरंगे सा कोई बन पाया

 अच्छा बुरा कभी भेजना जाना

 पाप पुण्य को समझा नहीं तूने 

दुश्मनों को भी गले लगाया 

जब भारत मां को सीने से लगाया 

तिरंगे सा कोई बन पाया

 तीन रंगों की कीमत कम मत आंकिए

 दुनिया वालों

 कुर्बानियां लगी है लाखों की

 खून से सींचा है वीरों ने

 फिर एक रंग सजा है

 रंगरेज बनकर सजाने वाले ने 

खुशबू को बिखेरा है सारे जहां में 


तिरंगे सा कोई बन नहीं पाया 

लाखों बार प्रणाम तुझे

 न्योछावर है प्राण मेरे 

है पहचान हमारी बनकर

 जीवन को दिया संवार

शत शत नमन !!!!शत शत नमन!!!!

कल्पना गवली

1 Comments

shekhar kharadi Idriya videos on Matrubharti
shekhar kharadi Idriya Matrubharti Verified 3 year ago

अत्यंत राष्ट्र प्रेरित भावपूर्ण रचना ।

Related Videos

Show More