Suyash Dixit

Suyash Dixit

@suyashdixit8159

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About You

loves being articulate️️.pursuing graduation from banaras hindu university.

♥️♥️
मुसीबतों में पलता ख़्वाब हूँ मैं
काँटो में खिलता गुलाब हूँ मैं
कई गुत्थियों का जवाब हूँ मैं
प्यासों का शादाब, भूखों का पंजाब हूँ मैं
दिन का आफ़ताब, रात का मेहताब हूँ मैं
बंदिशों की दुनिया का इंकलाब हूँ मैं
परिश्रम की बूंदों से लिखी क़िताब हूँ मैं
कुछ है, पर बहुत कुछ के लिए बेताब हूँ मैं
संस्कारविहीन दुनिया का आदाब हूँ मैं
नकाबों की दुनिया में, अब भी बेहिज़ाब हूँ मैं
जवाबो के दौर में, अब भी लाज़वाब हूँ मैं
मुसीबतों में पलता ख़्वाब हूँ मैं
काँटो में खिलता गुलाब हूँ मैं
♥️♥️

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मानसिक स्तिथि ही सामाजिक परिस्थिति का कारण होती है, अर्थात् आपकी मानसिक स्थिति ही आपके आसपास की परिस्थिति का निर्धारण करती है।
#मानसिक

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माना धुंधला मेरा आज है,
चमकीला मेरा कल होगा,
परिश्रम करेंगे आज तो,
कल मेरे हाथ में फल होगा।
#चमकीला

क्या पीला क्या नीला
हर रंग कुछ कहता है
सुनना तुम चाहो तो
असंख्य राज ये कहता है।

#पीला

मेरे कंधे पर रखी, उस कसी सी बंधी हुई पोटली से टप टप कर रिसता पानी, कोई आम पानी नही बल्कि वो पानी है जो मेरे सपने के पौधे को सींचकर एक दिन एक विशाल पेड़ बनायेगा। मेरे कंधे की उस पोटली में कसकर बंधे मेरे सपने है, जिनका कंठ सूखा है और उसे दरकार है मानव श्रम के पानी की ताकि वो अपना गला तर कर सके। माना मेरी पोटली भरी और भारी हो सकती है, तो उसका कंठ भी विशाल होगा और उसे मेरे श्रम से उपजे पसीने से अपनी प्यास शांत करने के लिए एक सागर लगेगा। टप टप कर रिसता पानी उस सूखे रेगिस्तान में कई पेड़ो और पौधों के काम आएगा, जिस प्रकार असल जीवन में हम अपनी मेहनत से अपने माता पिता का आगे का जीवन संवारते है।
मेरे पसीने की टपकती बूंदे जब उन सूखे निर्मम पत्थरों पर गिरेगी, तो वो भी फिसलकर मेरे सामने से हट जाएंगे और मेरे आगे जाने का मार्ग प्रशस्त करेंगे।
असल में दुनिया को दिखता है वो लंबा रेगिस्तान, पर मुझे दिख रहा है उसके पार एक बड़ा से तालाब जहाँ में अपने सपने की पोटली (जो की अब काफी हलकी हो गयी है चूँकि मुझे मेरे सपने मिलते जा रहे है) तो उसे उतारकर आराम से पानी का एक छींटा अपने मुँह मारकर तथा कुछ देर विश्राम करके और अब उस हलकी सपनों की पोटली को लेकर आगे बढूंगा और अपने बचे हुए सपनों को साकार करूँगा।
चूँकि सपने मेरे है- तो प्रयत्न भी मेरा ही होना चाहिए और इतना भरसक होना चाहिए की सपनो की पोटली से पानी रिसना नही, बहना चाहिए।

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सोच की बात है-
कुछ भद्दे को अच्छा, तो कुछ अच्छे को भद्दा कर देते है।
#भद्दा

किस्मत से आप अच्छा बन सकते है, पर आपको श्रेष्ठ आपके कर्म ही बनाते है।
#श्रेष्ठ

देश को प्रगति की ओर ले जाने वाली सड़क काटकर, अपने अपनों की प्रगति की सड़क का निर्माण कर रहे है।
भाई भतीजे तो आगे बढ़ रहे है
पर देश ठहर रहा है।
#भाई_भतीजावाद

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कभी फुर्सत में बैठकर सोचना की क्या कभी जिंदगी में आपको फुर्सत मिली।
#फुर्सत

सियासत में विरासत खतरनाक है।
#विरासत