Best Hindi Stories read and download PDF for free Home Stories Hindi Stories Filter: Best Hindi Stories Filter: Gujarati Hindi Marathi English भारत के गावों में स्वतंत्रा संग्राम - 5 by Brijmohan sharma 5 मंदिर दर्शनहरिजन विद्यालय का काम जोर शोर से चल रहा था। छात्र संख्या मे नित्य वृद्धि हो रही थी। उस दिन सवेरे मंदिर मे आरती हो रही थी। ... भेद - 8 by Pragati Gupta 8. समय के साथ कुछ और दिन यूं ही गुज़र गए| सृष्टि ने दादी के साथ हुए वार्तालाप को अपने तक ही रहने दिया| अपनी माँ के पूछने पर ... कोरोना - एक प्रेम कहानी - 5 by Neha sharma भाग - 5 अगली सुबह सूर्य देव परदो की ओट से झांकने लगते है। सूर्य की एक रंगीन किरण परदो के बीच से अपना रास्ता बनाते हुए लिली के ... उफ़्फ़ कोलकाता- सत्य व्यास by राजीव तनेजा हर इनसान मुख्य रूप से कुछ बेसिक अनुभूतियों जैसे खुशी..दुख..प्रेम..बिछोह..डर और रोमांच से अपने जीवन में कहीं ना कहीं..कभी ना कभी रूबरू होता ही रहता है। इन्हीं अनुभूतियों का ... डायरी ::कल्पना से परे जादू का सच - 8 by Swatigrover 8 रास्ते में उसने ड्रैगन को देखा जो बिलकुल उसके साथ कदम से कदम से मिलाकर चल रहा था तभी उसे महसूस हुआ कि उसकी चाल किसी राजसी आदमी ... कर्तव्य - 1 by RISHABH PANDEY घड़ी की टिक-टिक से पूरा कोर्ट रूम गूंज रहा था चारों ओर सन्नाटे का माहौल था लेकिन ऐसा नही था कि कोर्ट रूम में कोई था नही वहाँ पर ... अनमोल सौगात - 5 by Ratna Raidani भाग ५ जैसे ही नीता ने घर में प्रवेश किया तो देखा कि शशिकांतजी बैचेनी से टहल रहे थे और उर्मिला भी चिंतित नजर आ रही थी। नीता से ... अजीब दास्तां है ये.. - 8 by Ashish Kumar Trivedi (8) तमिलनाडु से उपेंद्र रेवती को बिहार ले गया। पश्चिमी चंपारण के बेतिया में उसकी बहुत सी संपत्ति थी। कुछ दिन तो रेवती को वहाँ अच्छा लगा। पर उसे ... मैं तो ओढ चुनरिया - 1 by Sneh Goswami मैं तो ओढ चुनरिया अध्याय एक कोई भूखा मंदिर इस उम्मीद में जाय कि उसे एक दो लड्डू या बूंदी मिल जाय तो रात आराम से ... इंटरनेट वाला लव - 3 by Mehul Pasaya 129 Internet wala love? अरे तरुन वोह सब काम हो गयाना हा सर हो गया ओके और वोह रेहान को काम दिया था वोह हुआ की नही। अरे सर डोंट ... गर्व से कहो हम पति हैं by Suryabala 96 सूर्यबाला महिलाओं को मालूम है कि जिस तरह हर सफल पुरुष के पीछे कोई महिला होती है उसी तरह हर असफल महिला के पीछे भी कोई-न-कोई पुरुष होता है। ... आखिरी विदा by Suryabala 126 सूर्यबाला सुबह से तीन बार रपट चुकी थीं वे। एक बार, किचेन में टँगी जाली की आलमारी से खीर के लिए इलायची की डिब्बी निकालते हुए। दूसरी बार, पूजा ... दादी की सिलाई मशीन - 5 by S Sinha 156 भाग 5 जल्द ही रीता की शादी ठीक हो गयी. उसकी शादी रांची की फैक्ट्री में कार्यरत एक इंजीनियर से हो रही थी. विदाई के समय रीता की माँ ... चार्ली चैप्लिन - मेरी आत्मकथा - 33 by Suraj Prakash 48 चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 33 स्टूडियो स्टाफ के अलावा किसी ने भी फिल्म नहीं देखी थी। संपादन मशीन पर इसे कई कई बार चला कर देख ... रोशनीघर की लड़की by Yogesh Kanava 114 रोशनीघर की लड़की रात का गहरा सन्नाटा था, कभी कभी कुत्तों के भौंकने की आवाज़ नीरवता को तोड़ देती थी। कई बार ऐसा होता कि नींद नहीं आती थी ... कर्मा - 5 - जादू है नशा है.. मदहोशियां by Sushma Tiwari 75 जादू है नशा है.. मदहोशियां... (गतांक से आगे) सिद्धार्थ अभी भी उन लड़कों को घूर कर देख रहा था। अब ऐसा भी क्या कह दिया था उसने? मैच में ... एक दुनिया अजनबी - 35 by Pranava Bharti 108 एक दुनिया अजनबी 35- मनुष्य को अकेलापन खा जाता है, वह भुक्त-भोगी था | भविष्य का तो कुछ पता नहीं लेकिन अभी वह जिस घुटन से भरा हुआ था, ... ए मेरे वतन के लोगों ..... by Alok Mishra 87 ए मेरे वतन के लोगों ..... हमारे पोपटलाल जी वैसे तो देशभक्त है लेकिन स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर उनकी देशभक्ति चरम पर पहुंच ... स्वतंत्र सक्सेना की कहानियाँ समीक्षा - 8 by बेदराम प्रजापति "मनमस्त" 54 समीक्षा - काव्य कुंज-स्व.श्री नरेन्द्र उत्सुक समीक्षक स्वतंत्र कुमार सक्सेना पुस्तक का नाम- काव्य कुंज कवि -नरेन्द्र उत्सुक सम्पादक- रामगोपाल भावुकसहसम्पादक- वेदराम प्रजापति ‘मदमस्त’ धीरेन्द्र गेहलोत ’धीर‘प्रकाशक-परमहंस मस्तराम गौरीशंकर ... इंसानियत - एक धर्म - 12 by राज कुमार कांदु 99 सुबह लगभग ग्यारह बज चुके थे जब राखी कचहरी परिसर में पहुंची थी । परिसर में लोगों की आवाजाही शुरू हो चुकी थी । कचहरी के बाहरी हिस्से में ... महानता के नुस्खे by Alok Mishra 120 महानता के नुस्खे हकीम लुकमान ने दुनिया के सभी मर्जाें के नुस्खे बताए । वे ये बताना तो भूल ही गए कि एक आम आदमी किन ... कैसा ये इश्क़ है.... - (भाग 28) by Apoorva Singh 234 प्रशांत जी अर्पिता को थाम कर उसे सीधा बैठाते है और अपने बैग में से बोतल निकाल कर उसके मुंह पर पानी के छींटे मारते हैं।कुछ ही क्षण में ... तूफान के बाद by Rama Sharma Manavi 159 इंसान की फितरत होती है जब तक चोट नहीं खाता, तब तक वह न समझना चाहता है, न सम्भलना।और जब समझ आता है तो सब कुछ बर्बाद हो ... किस्मत by दिलीप कुमार 288 ? किस्मत........ ... 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