Jin ki Mohbbat book and story is written by Sayra Ishak Khan in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Jin ki Mohbbat is also popular in Horror Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
जिन की मोहब्बत - Novels
by Sayra Ishak Khan
in
Hindi Horror Stories
मेरी कहानियों को सरहने के लिए आप सबका तहे दिल से बहुत बहुत शुक्रिया आप सबने मेरी कहानियां पसंद की !मेरी इस कहानी को भी आप सबकी सहियोग की जरूरत है मेरा ऐसा ही साहस बढ़ते रहिये शुक्रिया...!7 साल की ज़ीनत निहायती खूबसूरत उसकी बड़ी बड़ी आंखें चेहरे से जैसे नूर बरसता हो..!"खुदा ने बहुत फुरसत से ज़ीनत को बनाया था इतनीे छोटी उमर में भी लोग उसे देखते ही रहे जाते थे..!वो अपने अब्बू की एक ही बेटी थी मां उसे जन्म देते वक़्त दुनिया से रुखसत हो गई थी उसके अब्बू ने अकेले ही ज़ीनत की परवरिश की..!"ओर
मेरी कहानियों को सरहने के लिए आप सबका तहे दिल से बहुत बहुत शुक्रिया आप सबने मेरी कहानियां पसंद की !मेरी इस कहानी को भी आप सबकी सहियोग की जरूरत है मेरा ऐसा ही साहस बढ़ते रहिये शुक्रिया...!7 साल ...Read Moreज़ीनत निहायती खूबसूरत उसकी बड़ी बड़ी आंखें चेहरे से जैसे नूर बरसता हो..! खुदा ने बहुत फुरसत से ज़ीनत को बनाया था इतनीे छोटी उमर में भी लोग उसे देखते ही रहे जाते थे..!वो अपने अब्बू की एक ही बेटी थी मां उसे जन्म देते वक़्त दुनिया से रुखसत हो गई थी उसके अब्बू ने अकेले ही ज़ीनत की परवरिश की..! ओर
बा ओर ज़ीनत घर आई ज़ीनत अपने काम में और अपनी इबादत में लग गई उसकी शादी के लिए रिश्ते आना शुरू हो..! गए कुछ दिन में ज़ीनत की मामू की बेटी उसके लिए एक अच्छा रिश्ता लाने वाली ...Read Moreज़ीनत की फोटो देख कर लड़के ने कहा अम्मी ज़ीनत के घर जल्दी रिश्ता लेे जाओ..!अब आगे...! पार्ट 2"मुझे बहुत पसंद हैं ज़ीनत खूबसूरत ही इतनी थी कि कोई भी उसका दीवाना हो जाएं..!"उसकी सादगी लोगो के दिल में उतर जाती हैं ज़ीनत के बचपन
"अब्बू ने देखा तो ज़ीनत बुखार से तप रही थीl ज़ीनत के अब्बू ने अपनी बहन को बुलाया वो पास में ही रहती हैं !कहा "l नुरी तुम ज़ीनत का ख्याल रखना, में डॉक्टर को लेे कर अाता हूं ...Read More l नूरी ने कहा l "जी भाईजान आप , फिक्र ना करे में ज़ीनत के पास ही बैठी हू ,आप जल्दी जाए...! अब आगे। जिन की मोहब्बत...3"डॉक्टर साहब जल्दी चलिए मेरी बच्ची को ना जाने क्या हुआ है l वो बुखार से तप रही है।"उसे होश भी नहीं की सुबह हुई है या
ज़ीनत ने सबा की अम्मी को कहा ।"खालाजान में घर जा रही हूं मेरी तबियत ठीक नहीं लग रही , आप सबा को बोल देना l"ज़ीनत वहा से चली गई...!अचानक उसका सिर भारी होने लगा..l कंधो पर बोज बढने ...Read Moreउससे वहां खडा भी न रहा गया.. l अब आगे। भाग 4"ज़ीनत घर जा रही थीl उसे कुछ ऐसा मेहसूस होने लगा जैसे उसका शरीर भारी हो रहा होl कोई अनदेखी चीज उसके शरीर में आने को है ।ज़ीनत घर जा कर अपने बिस्तर
ज़ीनत की आंखो में जैसे उसे कुछ ओर ही दिखाई दियाlउसकी आंखे गुस्से से जैसे लाल हो गई थी ।ये सब देख रफीक ने सबा को बोलाl" सबा मुझे घर लेे चलो जल्दी सबा को सब कुछ अजीब सा ...Read Moreकुछ बुरा होने वाला है..! जैसे कोई मुझे यहां रोक लेगा..! भागो जलदी यहां से घर..! " भाग 5सबा रफीक को घर ले आई ,लेकिन रफीक बहुत डरा हुए सा था l जैसे उसने कोई बुरी ताकत देख ली हो जैसे।ज़ीनत उसी बरगद के झूले पर बैठी