Muje bachao book and story is written by Brijmohan sharma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Muje bachao is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
मुझे बचाओ !! - Novels
by Brijmohan sharma
in
Hindi Moral Stories
( एक खूबसूरत शर्मीले अध्यापक को उसके स्टाफ व छात्राओं द्वारा परेशान किए जाने की मनोरंजक दास्तान )
१ उसके अनुसार सारे दुखों की जड़ विवाह ही है ।
वह सोचता था - पहले गा बजाकर शादि करो फिर कोल्हू के बैल के समान बीबी बच्चों को पालने के लिए जिंदगी भर तिल तिल मरते रहो । अंत में बुढ़ापे मे तुम जिंदगी भर जिनके लिऐ पिसते रहो, वे ही बीबी बच्चे तुम्हारा रोज रोज अपमान करें । उधर बुढ़ापे में गंभीर बीमारियां इन्सान का हर पल महात्रासदायक बना देती हैं ।ं
२ “थोड़ी देर में बारात के मार्ग में एक बड़ा गढ्ढा आया ।
घोड़ी उसे पार करने में हिचकती दिखाई दी । कुमार ने उसकी पीठ पर जोर से मारा । इस पर उसने छलांग लगा दी । किन्तु तभी घोड़ी व दूल्हा दोनों औंधे मुंह जमीन पर गिर पड़े । वह जोर जोर से रेंकने लगी । सब यह देखकर सन्न रह गए कि जिसे सब घोड़ी समझ रहे थे वह घोड़ी नहीं वरन एक गधी थी ।
आसपास के युवक व बच्चे जोर जोर से हंसने लगे । “
(लड़कियों से) (मीटू पुरुष) ब्रजमोहन शर्मा (1) ( एक खूबसूरत शर्मीले अध्यापक को उसके स्टाफ व छात्राओं द्वारा परेशान किए जाने की मनोरंजक दास्तान ) १ उसके अनुसार सारे दुखों की जड़ विवाह ही है । वह सोचता था ...Read Moreपहले गा बजाकर शादि करो फिर कोल्हू के बैल के समान बीबी बच्चों को पालने के लिए जिंदगी भर तिल तिल मरते रहो । अंत में बुढ़ापे मे तुम जिंदगी भर जिनके लिऐ पिसते रहो, वे ही बीबी बच्चे तुम्हारा रोज रोज अपमान करें । उधर बुढ़ापे में गंभीर बीमारियां इन्सान का हर पल महात्रासदायक बना देती हैं ।ं २
(2) विवाह एक समस्याकुमार विवाह की बात तक करना पसंद नहीं करता था । श्यामा कुमार का विवाह करना चाहती थी I किन्तु कुमार दुनिया में दूसरे बुद्ध का अवतार था । वह संसार को दुख का समुद्र मानता ...Read More। उसके अनुसार सारे दुखों की जड़ विवाह ही है । वह सोचता था - पहले गा बजाकर शादि करो फिर कोल्हू के बैल के समान बीबी बच्चों को पालने के लिए जिंदगी भर तिल तिल मरते रहो । अंत में बुढ़ापे मे तुम जिंदगी भर जिनके लिऐ पिसते रहो, वे ही बीबी बच्चे तुम्हारा रोज रोज अपमान करें ।
(3) विचित्र बारात धन्ना व उसके रिष्तेदारों ने उनका स्वागत किया । सत्या (दूल्हे का मामा) ने धन्ना से कहा,” दूल्हे की सवारी के लिए घोड़ी का इंतजार कीजिए । “ धन्ना बोला, “यहां दूर दूर तक घोड़ी नहीं ...Read Moreरही है । आप पैदल ही बाना निकाल लो । “ इस पर सत्या ने कहा, “ आपको घोड़ी का इंतजाम तो करना ही पड़ेगा,अन्यथा बाना नहीं निकलेगा । “ इस पर धन्ना के मित्र ने उसके कान में कुछ कहा और वे घोड़ी लेने चले गए । कुछ देर में वे एक घोड़ी लेकर लौटे । वह नाटी थी