Meera Singh

Meera Singh

@meerasingh3946


About You

Hey, I am on Matrubharti!

मेरे साथी

तुम थे तब
सब आसान लगता था
छोटी - छोटी चीजों के लिए जिद्द कर लेना
कह लेना , लड़ लेना
पर अब लड़ने वाला कोई नही।
आज बड़ी से बड़ी बात
सुनने वाला कोई नही
कहने को तो बहुत लोग है
पर अब मेरे जन्मदिन पर कपड़े लाकर
छुपाने वाला कोई नही।।
सभी है पापा
पर अब वो चॉकलेट खाने वाला
पेन लेने वाला कोई नही।
लगता है कही छूट गई हूँ
कही खो आई हूँ खुद को
पर अब मुझमें मुझको
खोजने वाला कोई नही
कोई नही
कोई भी नही।।


मीरा सिंह

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एक उम्र गुजार दी है तेरे बिन
अब जो बाकी है
उसे तेरे संग गुजारनी है।।

मीरा सिंह

एक अरमान है
तेरे साथ वक्त बिताने की।
एक दिली इच्छा है
तुझे अपना बनाने की।।
कुछ ख्वाहिशे कुछ इच्छाएँ
सूखे पड़े है इन जिम्मेदारियों के पेड़ पर।
एक तमन्ना है
तुझमें खो जाने की।।
तू मेरा होकर भी मेरा नही
एक इलतज़ा है खुदा से।
तुझे हर -पल करीब पाने की
एक ख्वाहिश है तुझे जी लेने की।।


मीरा सिंह

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तुझे प्यार नही है मुझसे
पर मैं तो इजहार करती हूँ।
तू एक बार मुड़कर देख ले
मैं आज भी तेरा इंतजार करती हूँ। ।
ये आंखों के आसू ये लबों की खामोशी
तुझे फरेब लगती है।
इन्ही खामोशियों मे तुझे हम
पुकारा रोज करते है।।
जानती हूं मैं सब
तू कभी लौटेगा नही।
इसलिए खुदा से मौत की मन्नत
सौ-सौ बार करती हूँ। ।
तुझे प्यार नही है मुझसे
पर मैं तो इजहार करती हूँ। ।

मीरा सिंह

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तू भी मुझे प्यार करें
मैनें ऐसा कब चाहा।
तू किसी और का हो के गर खुश है
तो तू इन खुशियों से दूर हो मैनें ऐसा कब चाहा।।


मीरा सिंह

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चलो मान लिया
मेरा प्यार तेरी तवज्जो का हकदार नही।
और ये भी मान लिया की तुझे मुझसे प्यार नही
चलो मान लिया ।
तेरी आंखो मे मेरे ख्वाब नही
मुझसे जुड़े तेरे कोई दिन-रात नही।
तेरी बातों में मेरा कोई जिक्र नही
चलो मान लिया तुम्हें मेरी फिक्र नही।।
चलो मान लिया
पर मेरा प्यार तेरी जिक्र का मोहताज नही।
सबसे ऊपर है ये जनाब
ये कोई तखतो-ताज नही।।
बहुत होगे तेरे तू जिसे प्यार करता है
पर मेरे पास तेरे सिवा कोई और नाम नही।
चलो मान लिया
मेरा प्यार तेरी तवज्जो का हकदार नही।।

मीरा सिंह

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सही कहते है लोग कि
इश्क अंधा होता है।
जिसने एक पल को भी हमे अपना न माना
हमने अपनी तमाम सांसे उनके नाम कर दी।।

मीरा सिंह

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जिसे तमाम उम्र अपना माना
आज पता लगा
हम उनके कुछ भी नही है।।

मीरा सिंह

कभी- कभी खुद को इतना अकेला महसूस करती हूँ
कभी - कभी यूँ ही बैठे खुद से गुफ्तगू करती हूँ।
काश तुम मेरे पास होते
जब मैं बहुत डरा हुआ खुद को पाती हूँ। ।
तेरा यूँ हाथ पकड़कर कहना मैं हमेशा साथ हूँ
पर कभी-कभी इस दुनिया की भीड मे अकेली खडी पाती हूँ।
कभी-कभी खुद को मैं खोया हुआ पाती हूँ
कभी-कभी खुद को इतना अकेला महसूस करती हूँ। ।


मीरा सिंह

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