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मेरा Hero - ( भाग-18 ) - ड्रग डीलर पकडा गया









सभी हाल मे आते है। अविका इधर उधर देखती है कोई है तो नही । फिर सब एक के बाद एक करके दिवार के उस पार चले जाते हैं।
फिर बाहर पार्किंग से शौर्य अपनी कार निकालता है और सभी उसमे बैठ सिनेमा हॉल की तरफ बढ जाते है।

शौर्य और रोहित बाहर ही मूवी की 5 टिकट लेते हैं और अंदर चले जाते है। श्रुति के बगल मे शौर्य था और दूसरी तरफ अविका।
अविका के बगल मे रोहित फिर उसके बाद अंजलि।

कुछ देर बाद एक आदमी घबराता हुआ आता है और शौर्य के बगल मे बैठ जाता है। उसने अपने चेहरे पर मास्क लगा रखा था।
शौर्य एक नजर उसे देखता है फिर उसका ध्यान अपने हाथ पर आता है जिसे श्रुति जोर से पकड रखी थी क्युकी मूवी मे कोई मार पिट की सीन चल रहा था और हीरो को विलेन मारने जा रहा था लेकिन हेरोइन आकर उसे बचा लेती है।

फिर दोनो का नैन मट्टका चालू हो जाता है।
इधर जाने अनजाने मे ही श्रुति की भी उंगलिया शौर्य की उंगलियो मे फस रही थी।

अविका तो बेचारी पोपकॉर्न खाने मे बिज़ी थी और रोहित मन ही मन श्रुति शौर्य को देख कर बोलता है-" एक बेचारा मै जो प्रोपोज करके भी तन्हाईयो के आलम मे बैठा हूं और एक यह दोनो है इनको तो पता भी नही की एक दुसरे से प्यार करते है फिर भी रोमांस किये जा रहे है ........वाह रे भगवान तेरी लीला अपरम पार है और बेचारा मन ही मन रोने लगता है😢😢।

जब मूवी खत्म होती है तो शौर्य का ध्यान उस बगल वाली सीट पर जाता है जिसपर वो आदमी बैठा था। लेकिन अब वो वहा नही था अब तक सिनेमा की लाईट भी जल चुकी थी ।

अचानक उसका ध्यान उसी सीट पर कुछ सफेद सी गिरी हुई चीज पर जाती है। वो उसे अपने हाथ मे लेकर देखता है फिर नाक के पास ले जाता है।
जैसे ही वो उसकी महक सूघता है उसका दिमाग खाली हो जाता है और उसके मुह से एक ही शब्द निकालता है-" यह तो कोकीन है।"

तभी उसे सीट के नीचे उसी के कॉलेज का बैच दिखता है। शौर्य समझ जाता है यह वही आदमी है जो ड्रग्स डील करता है।इस तरफ जब उसकी बात सब सुनते है तो श्रुति अंजलि अविका और रोहित भी ड्रग्स देखने लगतें है।

फिर अचानक शौर्य जल्दी से बाहर आता है उसके पीछे सभी आते है। वो आदमी जल्दी से एक टैक्सी के पास आकर उसके ड्राईवर से कुछ कहता है और उसमे बैठ जाता है। जब तक ये पाँचो उसके पास पहुचते है तब तक टैक्सी निकल जाती है ।

इधर शौर्य जल्दी से गाड़ी लेकर आता है और उसमे सभी बैठ उसका पीछा करने लगते है। कुछ देर उसके पीछे जाने के बाद सबको ये रास्ता बहुत ही जाना पहचाना लगता है।

टैक्सी जाकर एक होटेल के बाहर रुकती है और वो अंदर चला जाता है। उसके पीछे ये सब भी कार से उतारते है तो पाते है यह तो शौर्य के फैमिली का वही होटेल है जिसमे फ्रेशर्स पार्टी हुई थी।

वो आदमी रिसेप्सन पर जाकर रुम नम्बर 545 के बारे मे पूछता है। रिसेप्सन पर बैठी औरत पांचवे मंजिले पर उसे भेज देती है। उसके पीछे ये सब भी ऊपर तक पहुंचते हैं।
वो आदमी रुम नम्बर 545 के सामने जाकर इधर उधर देखता है जिससे ये सब दिवार के पीछे जा छुपते हैं।

वो आदमी अंदर जाकर जल्दी से दरवाजा बन्द कर देता है इधर यह सब दरवाजे के उस पार हो रही बातों को सुनने की कोशिश करने लगते हैं।

वो आदमी अंदर आता है तो देखता है की एक चेयर पर पीठ उसकी तरफ किये एक व्यक्ति बैठा था वही सभी ड्रग्स को उस ड्रग डीलर से खरीदता था।
वो व्यक्ति बोलता है -" इस बार कौन सी ड्रग्स है।"

वो मास्क पहने व्यक्ति जो की ड्रग डीलर था वो बोलता है-" इस बार तो कोकीन ही मिली बोलो तो अगली बार हेरोइन ला दूँगा बस मेरा पैसा तैयार रहना चाहिये।"

वो व्यक्ति एक बैग की तरफ इशारा करता है-" यह रहा तुम्हारा पैसा अब यह माल रखो और जाओ यहाँ से ।"
वो आदमी जैसे ही बाहर दरवाजा खोल कर आता है उसे शौर्य रोहित अविका अंजलि और श्रुति दबोच लेते हैं।

श्रुति बोलती है-" शौर्य रोहित पहले अंदर जो आदमी है उसे पकडो इसे हम सम्हालते है।"
शौर्य रोहित दौड़ कर अंदर जाते है तो देखते है खिडकी खुली थी और वो आदमी भाग चुका था।
शौर्य-" वोह शिट ..... वो तो भाग गया।"
रोहित-" कोई बात नही हमे ड्रग डीलर तो मिल गया ना।"
शौर्य-" हम्म।"

इधर श्रुति अंजलि और अविका उस ड्रग डीलर की चप्पल जूते सैंडील से पिटायी किये जा रही थी की शौर्य रोहित आते है।
शौर्य-" यार वो भाग गया।"
श्रुति-" क्या।"
रोहित-" अरे उससे कोई फर्क नही पड़ता यार यह तो मिला न साला बहुत दौडाया है हमें इसने।

इधर यह सब जिसे सोच रहे थे की कोई फर्क नही पड़ता वही सारी मुसीबतो का जड़ था।
रोहित-" इसका मास्क तो निकलो पहले।"
अविका जबरदस्ती करती है निकलने के लिये लेकिन वो आदमी नही निकालता है मास्क तभी शौर्य गुस्से मे उसे एक थप्पड मारता है जिससे वो वही गिर जाता है।

फिर श्रुति उसका मास्क निकलती है। जैसे ही उस आदमी का सब चेहरा देखते हैं सबके पैरो तले जमीन खिसक जाती है। यह कोई और नही बल्कि श्रुति का सबसे बड़ा और एकमात्र दुश्मन टकला सिक्योरिटी गार्ड था।

श्रुति अविका शौर्य रोहित अंजलि एक दूसरे का मुँह देखने लगते हैं। श्रुति गुस्से से उसे देखते हुये-" यह ट्कला कब से ड्रग डीलर बन गया ...... बेटा अब तो तू गया मुझे बहुत परेशान किया है तूने।"

इतना कहते ही श्रुति उसके ऊपर टूट पड़ती है। अविका रोहित शौर्य अंजलि बस बूत बने उसे देख रहे थे की कैसे आज भी श्रुति कल अपनी दुश्मनी निभाने की पडी है।" शौर्य फिर पुलिस को बुलाता है कुछ ही देर मे पुलिस भी आ जाती है और उसको अरेस्ट कर के ले जाती है।

इधर वापस पीजी और घर पहुचते पहुचते सबको शाम हो जाती है। सब खाना पीना खा कर कुछ असाइमेन्ट करते है और फिर सो जातें हैं।

क्रमश: