CHALOGE KYA FARIDABAD book and story is written by Ajay Amitabh Suman in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. CHALOGE KYA FARIDABAD is also popular in Poems in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
चलोगे क्या फरीदाबाद?
by Ajay Amitabh Suman
in
Hindi Poems
(१) चलोगे क्या फरीदाबाद? रिक्शेवाले से लाला पूछा, चलोगे क्या फरीदाबाद ?उसने कहा झट से उठकर, हाँ तैयार हूँ भाई साब. हाँ तैयार हूँ भाई साब कि,लाए क्या अपने साथ हैं?तोंद उठाकर लाला बोला,हम ...Read More खाली हाथ हैं . हम तो खाली हाथ हैं कि,साथ मेरे घरवाली है .और देख लो पीछे भैया, वो मोटी है जो साली है . मोटी वो मेरी साली कि,लोगे क्या तुम किराया ?देख के हाथी लाला,लाली, रिक्शा भी चकराया. रिक्शावाला बोला पहले,देखूँ अपनी ताकत .दुबला पतला चिरकूट मैं,और तुम तीनों हीं आफत . और तुम तीनों हीं आफत,पहले बैठो तो रिक्शे पर, जोर लगा के देखूं क्या ,रिक्शा चल पाता तेरे घर ? चल पाता रिक्शा घर क्या ,जब उसने जोर लगाया .कमर टूनटूनी वजनी थी,रिक्शा चर चर चर्राया . रिक्शा चर मर चर्राया,कि था रोड ओमपुरी गाल. डगमग डगमग रिक्शा डोला, बोला लाला उतरो फ़िलहाल. हुआ बहुत ही हाल बुरा ,लाला ने जोश जगाया .ठम ठोक ठेल के मानव ने,परबत को भी झुठलाया . परबत भी को झुठलाया कि,पैसा का कुछ तो बोलो ?गश खाके बोला रिक्शा,दे दो दस रूपये किलो . दे दो दस रूपये किलो,लाला बोला क्या मैं सब्जी?मैं तो एक इंसान हूँ भाई,साली और मेरी बीबी . साली और मेरी बीबी फिर,बोला वो रिक्शेवाला .ये तोंद नहीं मशीन है भैया,सबकुछ रखने वाला . सबकुछ रखने भाई,आलू और टमाटर,कहाँ लिए डकार अभीतक,कटहल मुर्गे खाकर . कटहल मुर्गे खाकर कि,लोगों का अजब किराया .शेखचिल्ली के रूपये दस,और हाथी का दस भाड़ा? अँधेरी है नगरी भैया,और चौपट सरकार है,एक तराजू हाथी चीलर,कैसा ये करार है? एक आंख से देखे तौले,सबको गजब बीमार . इसी पोलिसी से अबतक,मेरा रिक्शा बेज़ार . (२) हाय रे टेलीफोन फिल्म वास्ते एक दिन मैंने, किया जो टेलीफोन।बजने लगी घंटी ट्रिंग ट्रिंग तो, पूछा है भई Read Less