ये जो दिल की बात दिल में रखते हो न
और आंसू को छिपा कर बिलखते हो न

कांधे खोजते हो सर को रखने के लिए
वजह बस यही है तुमको तकलीफ़ ज्यादा है

हमको कुछ आता वाता हो या न हो
हमे प्यार करना और दर्द बांटना आता है।

की मुद्दत से कभी हसंते जो न थे तुम
उसी वक़्त से तुमको जरूरत थी
एक कांधे की ।

नायब थे तुम जो तुमको दोस्त हमसफ़र मिले
चाहतों के साथी और हमदर्द मिले।

यकीन करो दिल की बात बताया करो
कुछ छुपाना ही है तो छुपा लो पर प्यार जताया करो।

#matrubharti
#Arjuna Bunty

Hindi Poem by Arjuna Bunty : 111533061

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