बीता था मेरे साथ जो अब तक, वो बदला ने कोई आए है,
जीवन के इस उजलपेन को, कोई सुलझाने आए है,

पाया जिससे जैसा भी था, मैंने अपने जीवन में
प्यार का बनकर सौदागर कोई लौटा ने आए है,

सागर मुझसे पूछ रहा नाव मेरी क्यु डोल रही
मै तो लहरों की सरगम पर, ताल लगाने कोई आए है,

जख्मी होकर तूफानों से, यहां वहां मै गिरता था,
सपनो की नभ पर पंखों को, फैलाने कोई आए है,

जीवन की इस भागदौड़ में, जो जो सपने टूट रहे थे,
जादू की छड़ी घुमाकर, सच करवा ने कोई आए है,

धूल की चादर के नीचे जो, मेरी मीठी यादे सोई थी,
बना एलबम उन यादों का, आज जगाने कोई आए है,

पा सकते हो सारी खुशियां, अगर इरादे पक्के हो,
लेकर अपनी कलम की ताकत, ये समजाने कोई आए है,


बहोत गिराया था लोगो ने मुझे इस जीवन में
मेरा साथ बनकर, मेरा जीवन में कोई आए है,



अमृत.....

Hindi Book-Review by Amrut : 111495615
Ketan Vyas 4 years ago

Khub saras... Adbhut....!! Visit once... https://quotes.matrubharti.com/111494592

jyotsana Thakor 4 years ago

Awesome.......................😀

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