मेरी जिंदगी रूपी सुखे रेगिस्तान में,
तुम खुशियों का बादल बन जा जाओ ना।
प्राकृतिक बारिश तो केवल तन को भिगोएं,
तुम मेरे अंतर्मन को गीला कर जाओ ना।
#गीला

Hindi Shayri by Pragya Chandna : 111487708

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