कुछ गर्दिश भरे पन्ने है जिंदगी के
जाने कब, कौन सम्भालेगा,
छुए जो कोई अनजान दास्ताँ को
जाने वो अपने अश्क कैसे सम्भालेगा..
#M -kay

Hindi Shayri by M-kay : 111484273

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now