ठीक है कि मैं तुझको घेर रहा हु -2,लेकिन उन्ही हातो से ही समेट रहा हु,तुम चाहे मुझे जितना भी दूर करो लेकिन मैं कही न कही से हमे जोड़ रहा हु

Hindi Romance by ADARSH PRATAP SINGH : 111448311

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