एक दोस्त के लियें...

आज ये कठीन इंतहान हैं मेरा
ना सवाल ना जवाब फिर भीं बुरा हाल हैं मेरा
तेरे बारे में लिखना हैं तो सिर्फ कागज कलम का यें काम नहीं
कुछ घंटो में खत्म हो जायें ऐसी तू शाम नहीं

कहाँ सें चालू करुँ ये बड़ी परेशनी हैं
तू कभी ना खत्म होनें वाला वों समंदर का पानी हैं
तुझकों सुखाना चाहतें हैं, यें उन किरणों की नादानी हैं
हर दिल में तेरी एक अमर कहानीं हैं

#kavyotsav -2
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Apka apna kalamkaar ✍️♥️

Hindi Shayri by Tejas Kumavat : 111436054

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