गहराइया समंदर की
कोई नाप नही सकता
उंचाई आसमान की
कोई भांप नही सकता
औरो की बात क्यो करे
खुद ही मे जो झाँक नही सकता
अंतिम निर्णय क्या ले पायेगा
जो सफर की सुरुवात
ही नही कर सकता...

#अंतिम

Hindi Thought by Pravin Ingle : 111392149

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