हर बात हमारी मानी है तुमने
हर खता माफ़ की है तुमने

बस अब एक और खता करनी है
आखरी सांस तुम्हारी बाँहो में लेनी है।

- परमार रोहिणी " राही "
#आखरी

Hindi Shayri by Rohiniba Raahi : 111391987

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now