मे और मेरे अह्सास

आखरी साँस तक साथ निभाना तुम l
अनकहीं दिलकी वो बात निभाना तुम ll

चांद तारो की बारात की साक्षी मे l
साथ बीती हुईं रात निभाना तुम ll

प्यार की राहों मे चलते चलते कभी l
गर बिछड़ भी गये याद निभाना तुम ll
९-४-२०२०
दर्शिता

Hindi Shayri by Darshita Babubhai Shah : 111391800

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