अनजान थे फिर भी पहचान गए
अनकही हर बात वो जान गए,

पता नहीं ये केसा रिस्ता था हमारा..
हम मिले नहीं, मगर काँरवे बन गए।

- परमार रोहिणी " राही "
#अनकहा

Hindi Shayri by Rohiniba Raahi : 111390776

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