मे और मेरे अह्सास
कल तक ना मिलने के सो बहाने ढूंढ़ता था l
आज कोरोना ने अच्छा बहाना दे दिया ll
उम्रभर दिन रात मारा मारा फिरा करता था l
घर की दिवालो ने अच्छा सहारा दे दिया ll
चांदनी रातभर साथ देती रही जगराता मे l
चांद तारोकी रातने अच्छा नजारा दे दिया ll
५-४-२०२०
दर्शिता