मे और मेरे अह्सास

कल तक ना मिलने के सो बहाने ढूंढ़ता था l
आज कोरोना ने अच्छा बहाना दे दिया ll

उम्रभर दिन रात मारा मारा फिरा करता था l
घर की दिवालो ने अच्छा सहारा दे दिया ll

चांदनी रातभर साथ देती रही जगराता मे l
चांद तारोकी रातने अच्छा नजारा दे दिया ll
५-४-२०२०

दर्शिता

English Shayri by Darshita Babubhai Shah : 111387108

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