हां वादे भी नहीं थे बातें नहीं थी..
ऐसा भी नहीं है कि मोहब्बत नहीं थी..
इज़हार था, इकरार था,
ऐतबार था, तक़रार था,
हजारों शिकायतों में बंद प्यार भी था,
दरम्यां तो सब था हमारे पर
हमनवाई नहीं थी.
ऐसा भी नहीं है कि मोहब्बत नहीं थी..
जरूरत तक ही नहीं कुछ जरूरी सिलसिले थे,
यकीन नहीं होता कभी हम मिले थे
कुछ तुम दर्द में थे,
कुछ हमें भी गिले थे..

Hindi Shayri by Sarita Sharma : 111380439

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