महोब्बत का पक्ष लेकर गुरुर से चल पड़े थे,
आज उसी महोब्बत ने गुरुर तोड़ दिया।।
कर बैठे थे बगावत उस ख़ुदा से,
जिसने आज सब से जोड़ दिया।।
हो गए थे सब के विपक्ष,
खुद को उसका पक्ष बनाया था।
पर नफरत के कुछ पन्नो ने सच का दरवाजा खोल दिया।।

#पक्ष

Hindi Shayri by Tasleem Shal : 111375302

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