मासूम वो हैं या उनके अल्फ़ाज़, खुदा जाने।
इश्क़ है या रश्क हमसे ये तो, खुदा जाने।।
इबादत में उठते हैं हाथ जब भी, मांगती हूं उसको।
मुक्कमल होगी या नहीं ये मुराद, खुदा जाने।।
~✍️निमिषा~

Hindi Shayri by Nimisha : 111367554

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