किसीकी आँखे सिंदूर देख नम हुई
किसीकी आँखों की रोशनी गई
किसिका बुढ़ापे का सहारा छीन गया
किसके बचपन का दुलार गया
किसीके घर की रोटियां गई
किसीकी चोटिया सँवार ने वाला गया
किसिका रब से प्यारा दोस्त गया
किसीकी राखी राह में ही राह देखती रही
फिर कैसे कह दे साहब की आबाद-ऐ-वतन की हिफाजत में सिर्फ एक जवान ही "शहीद" होता है..✍️
krupali kapadiya