#Tum_Aayi_Ho__SJT -

यादों के सफ़र में तो ,
कारवां का मकान आया ,
मंज़िल तो मिली ही नहीं ,
वापस थका थकान आया ,
बिछुड़ गए हैं वो हमसे ,
शायद हो अब मिल पना ,

तुम आई हो ठहर जाना ,
नहीं अब छोड़कर जाना ,

गुजरे हैं हसीं पल जो ,
हमेशा याद आएंगे ,
मुकम्मल तो नहीं फिर भी ,
संग तेरे ही आएंगे ,
बहारें तब ये देखेंगी ,
मोहब्बत का सफ़रनामा ,

तुम आई हो ठहर जाना ,
नहीं अब छोड़कर जाना ,

बादल सा मैं बरसा हूं ,
मगर मिलने को तरसा हूं ,
जैसे तुम ने छोड़ा था ,
ठहरा हुआ मैं जल सा हूं
मैं दरिया हूं रेत का पर ,
मगर अब चाहूं घुल जाना ,

तुम आई हो ठहर जाना ,
नहीं अब छोड़कर जाना ,


तुम्हें अक्सर शिक़ायत थी ,
मैं तुमसे दूर जाता हूं ,
तुमने न वजह जानी ,
मैं ख़ुद को तन्हा पाता हूं ,
मगर अब जान लो तुम भी ,
न रह जाए फ़िर पछताना ,

तुम आई हो ठहर जाना ,
नहीं अब छोड़कर जाना ,

www.instagram.com/poetry_of_sjt
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Hindi Shayri by Poetry Of SJT : 111364853

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