चाचा खो गये महफ़िल में।
चाँद को देख रहे थे झील में।
सपने से वो जाग गये।
अपनों से मिलने गये।
बस अब तो लिख रहे है।
बगीयाँ में कौवे भी हील रहे है।
--चाचा

Hindi Funny by Suryakant Majalkar : 111349208

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