सफर की शाम हो गई पता ही नही चला
कभी हसी कभी गम पता ही नहीं चला
समय का इस तरह से चलना....
जिंदगी की रफ्तार तेय करता है कि अभी भी समय है थोड़ा संभल जा....जितना उड़ रहा है उतना चलना भी सीख ले.....क्योंकि.....
हवा रुक जाएगी तो उड़ना बंध हो सकता है!!!!!
लेकिन जमी पर चलोगे तो पैर तेरे ही होंगे तु चाहे वो कर सकेगा....