हमने चाहा तुझे शिद्दत से
पर तूने मेरी वफ़ा की
कभी कदर ना जानी।
सीने में छुपा के दर्द सभी
भीड़ में भी तन्हा सी बीत रही है अब
ये जिंदगानी।।
सरोज ✍️

Hindi Shayri by Saroj Prajapati : 111346732

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