रंग जो चढ़ा तेरे इश्क़ का..
न चडेगा अब दूजा रंग..
कोइ फ़किर कि हु फ़किरि
मीरा कि भक्ति का त्याग हु
प्रित हु राधा कि लगन कि
और रुक्शमणि सा भि सम्मान हु
bhumi patel

Hindi Poem by Bhumi Polara : 111326999

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