मै क्यूँ रोता रहूँ ये सोचकर कि ....

उसने इजहार ए मुहोब्बत में हामी नहीं भरी ......

मै ये सोचकर मुस्कुराता रहता हूँ कि ....

उसने इजहार ए मुहोब्बत में ना भी तो नहीं भरी ......

Hindi Shayri by Sarvesh Saxena : 111323716

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