बाक़ी है अब भी कुछ ग़मों को समेटना,
कुछ ख़्वाहिशों का मरना बाक़ी है अब भी..
ज़िन्दगी की कश्ती आसुंओं का दरिया,
कुछ यादों का सफ़ऱ बाक़ी है अब भी..

Hindi Shayri by Sarita Sharma : 111302812

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