मोहब्बत का तुम से असर क्या कहूँ

नज़र मिलीं नहीं दिल धड़कने लगा

Hindi Shayri by Rudra : 111301785
Parmar Geeta 4 years ago

लाजवाब... 👌👌

Rudra 4 years ago

वाह!!! दिल है तुम्हारा तुम्हीं रह सकते हो ग़ैर को हक़ ये नहीं है रहे मेहमाँ हो कर सोच कैसे लिया कि गैरो सा होगा जवाब हमारा महोब्बत-ए-करम अपनों सा निभाकर...

Parmar Geeta 4 years ago

વાહ મસ્ત... चाह कर भी हम पूछ नहीं सकते हाल उनका.. डर है कहीं ये ना कह दे कि ये हक तुम्हें किसने दिया..

Rudra 4 years ago

आफरीन!!! मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही हो कहीं भी आग लेकिन आग जलनी चाहिए

Parmar Geeta 4 years ago

वाह.. ये मत पूछो कि कैसे हैं हम, कभी भूल ना पाओगे ऐसे हैं हम.. जरा सब्र तो रखो, दिखाएंगी मोहब्बत अपना असर धीरे-धीरे..!!

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