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जिसकी नियत में सच्चाई का स्वाद है... वो काँटों में भी महकता हुआ गुलाब है...!! ✍️ गीता परमार..
Thanks.. ?
वाह क्या बात.. ?
ना कोई शर्त थी ना कोई स्वार्थ था ऐ रिश्ता कौन सा था मेरे साथ हसता था ओर साथ रोता था वो रिश्ता कौन सा था @रोहित जोशी
Thx...geeta ji..?
शुक्रिया जी... ??
बिल्कुल सही है।।
વાહ અબ્બાસ ભાઈ.. ?
Thanks di.. ?
વાહ...
शुक्रिया।,,तमन्ना जी।,,?
વાહ.. સુપર્બ.. ???????
शुक्रिया।,,गीताजी।,, जवाब हम देते है।,, सब के कर्जे चुकादूँ मरने से पहले, ऐसी मेरी नीयत है, मौत से पहले तू भी बता दे ज़िंदगी, तेरी क्या कीमत है।
????જોરદાર..
હા હા હા કલ કરે સો આજ કર આજ કરે સો અબ પલ મેં ડેટા ખતમ હોયેગા બડે લોચા હોયેગા તબ
વાહ તો કાલે જ રહેવા આવી જાવ.. બસ આજ કા મુશાયરા બરખાસ્ત કરતે હૈ... ????
वाह!!! तेरे ख़याल के दीवार-ओ-दर बनाते हैं हम अपने घर में भी तेरा ही घर बनाते हैं
वाह क्या बात है.. ??
वाह लाजवाब.. माफ कीजिएगा लेकिन इसका जवाब नहीं हमारे पास... ??
वा,,,,,?? एक क़तरा ही सहाँ, मुझे ऐसे नीयत दे मौला ... किसी को प्यासा जो देखूँ, तो ख़ुदपानी हो जाऊ ...!
धन्यवाद.. ?
वाह... कभी पत्थरों पर फूल खिल जाते हैं, कभी अजनबी भी अपने बन जाते हैं.. कभी लाशों को कफन तक नहीं मिलता, कभी लाशों पर ताजमहल बन जाते हैं..!!
nice..✔✔✍✌?
વાહ જોરદાર.. वो भी क्या जिद थी, जो तेरे मेरे बीच एक हद थी.. मुलाकात मुकम्मल ना सही, मोहब्बत बेहद थी..!!
वाह... बढ़िया.. ? डायरी के पन्नों पर सिमट कर रह गया वही एक पुराना ख्वाब, एक सूखा गुलाब और यादें बेहिसाब...
क्या बात!! ये इत्तेफाक़ तो नहीं कि रोज होती है मुलाकाते ताउम्र देखा तक नहीं जिन्हें, वो अजनबी से करते हैं उम्र भर साथ निभाने की बाते
વાહ ક્યાં બાત.. કોઈ દિલ પર યાદો નો ભાર મુકી ગયું.. જાણે એક ફૂલ ડાળી થી ઝૂકી ગયું..!!
વાહ... ?? પ્રણયમાં ફૂલો જેવી દશા છે અમારી ચૂંટાશે તો વિંધાવાનુ બચી જશે તો ખરી જવાનું...
વાહ મસ્ત.. જો પ્રેમમાં બનવું જ છે મહેકતુ ગુલાબ.. તો તાલમેલ કાંટા સાથે પણ કરવો પડે જનાબ..
વાહ... સરસ.. ? લાખ કાંટા માં એક હસતું ગુલાબ, એટલે પ્રેમનો જીવંત જવાબ...
વાહ... ना ही दिल से होता है, और ना ही दिमाग से.. अजी ये प्यार तो इत्तेफाक से होता है..!!
આભાર
આભાર.. ?
સહી હૈ...
आफरिन!!! किसे पडी है यहां सोचने समझने की ये आरजू है हमारे दिल की ना के दिमाग़ों की
વાહ... ખૂબ જ સરસ... ?
*"उनकी तासिर बड़ी कड़वी होती हैं",* *"जिनकी गुफ्तगू शक्कर सी होती हैं"...*रुद्रा,,,
વાહ ક્યાં બાત... जैसे तुम सोचते हो, वैसे तो हम हरगिज नहीं.. और जैसे हम हैं, वैसे तुम सोच भी नहीं सकते..!!
वाह!!! वफ़ा के शहर में अब लोग झूट बोलते हैं गर सच को मानते हो तो ही आना हमारे आशियाँ मैं
Thanks... ?
Nice ?
વાહ..એકદમ જોરદાર વાત..
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