ऐ ढलती शाम आज एक काम करना
पढ़े जो इसको उसको खुश रखना
जो न पढ़ पाये उसको भी आबाद रखना
हर कोई मुस्कुराये इतना ख्याल रखना।।।

भूखा न सोये कोई आज ये याद रखना
हर हिस्से में एक रोटी का हिसाब रखना
खुशियां झोली में सबकी बेशुमार रखना
ऐ ढलती शाम आज एक काम करना।।

satender

Hindi Poem by Satender_tiwari_brokenwordS : 111292892

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now