जींदगी कभी हंसने भी नही देती
ना ही रोने देती...
मै उसे ऐसे ही देखती रहती...
हर सुबह वैसे नई उम्मीद लेकर आती...
सूरज की रोशनी जैसे लेके आती...
फूल की खुशबू महेकाती...
ऐसे ही हँसाती वैसे रुलाती...

Hindi Shayri by D S Dipu શબ્દો નો સાથ : 111290847

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