मकड़ी भी नहीं उलझती अपने बनाए झालो में...

जितना कि हम उलझते है अपने ही बनाए ख्यालों में...!!

Hindi Quotes by Parmar Geeta : 111289845
Omprakash Kshatriya 4 years ago

बहुत सही बात कही है.

Sawar Mal Patwari 4 years ago

बहुत सही

Mukund 4 years ago

U r right....

Rudra 4 years ago

शुक्रिया जी

Parmar Geeta 4 years ago

વાહ ક્યાં બાત હૈ... ?

Rudra 4 years ago

वाह! देखा तो सब के सर पे गुनाहों का बोझ था ख़ुश थे तमाम नेकियाँ दरिया में डाल कर

Parmar Geeta 4 years ago

वाह... हर गुनाह पर उठती है उंगलियां मेरी तरफ... क्या मेरे सिवा शहर में मासूम है सब...

Rudra 4 years ago

वाह! वाह! इस भरोसे पे कर रहा हूँ गुनाह बख़्श देना तो तेरी फ़ितरत है

Parmar Geeta 4 years ago

वाह क्या बात है.. ? "अब इस से ज्यादा मोहब्बत की सजा ओर क्या होगी... की उन्होंने हमारी जान भी निकाल ली और जिंदा भी छोड़ दिया... "

Rudra 4 years ago

वाह! तुम्हारे ख़्वाब से हर शब लिपट के सोते हैं सज़ाएँ भेज दो हम ने ख़ताएँ भेजी हैं

Sarika 4 years ago

True one ?? ?

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