फिर इक बार मेरी नजरों से अपनी नजरें मिलाकर तो देखो,
अपने गुरूर को मेरी इश्क़ की आग में जलाकर तो देखो,
तू खफा हैं मुझसे मुझे मालूम है अब तू मेरा न रहा,
मगर मै आज भी सिर्फ तेरा ही हूं मुझे फिर से बुलाकर तो देखो..

Hindi Shayri by Satyendra prajapati : 111283669

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