कभी जो बरसात की फुहारें,
दुआरे तेरे बरसती होंगी,
सजल नयन डबडबाती आँखें,
पिया मिलन को तरसती होंगी,
जो आके छेड़े पवन का झोंका,
उसे संदेशों का काम देना,
जो बूंदे पूछेंगी आँसुओं से,
तुम्हारी पलकें झपकती होंगी।
-राकेश पाण्डेय"सागर"

Hindi Song by Rakesh Kumar Pandey Sagar : 111282767

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