इश्क को सरे आम नीलाम ना कीजिए l
प्यार को सरे आम नीलाम ना कीजिए ll

आपस में जो करते दिन रात प्यार की l
बात को सरे आम नीलाम ना कीजिए ll
दर्शिता

Hindi Shayri by Darshita Babubhai Shah : 111274166

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