हां माना कि दिलों में बसी है बेबसी,
चलो ये भी माना कि अपनों से बेहतर है अजनबी..
यहाँ रास्ते दुस्वार हैं और मंजिले उस पार हैं..
फिर भी ऐ-ज़िन्दगी तुझे ज़ीने को दिल तैयार है..

Hindi Shayri by Sarita Sharma : 111272912

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