मन तो लगता नही जब तक आपसे बात ना हो..
मगर मन लगाते है क़ुदरत से मिलकर....

हँस लेते है हम कभी गम छुपाने के लिए..
कभी टूटते है आंखों से पानी बहाकर....

- परमार रोहिणी " राही "

Gujarati Shayri by Rohiniba Raahi : 111271679

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