तेरी ओर मेरी रातों में फर्क है तो सिर्फ इतना ,

कि मुझे नींद नहीं आती ओर तुझे ख्वाब नहीं आते ।

जो बिताये थे लम्हे हमने साथ कभी ,

मैं भूलता नहीं ओर तुझे कभी याद नहीं आते ।

मैं चाहता तो हूं तुझको अपने ख्वाब में देखना ,

पर तुम ऐसे हो रूठे कि अब ख्वाब में भी नहीं आते ।

तेरी ओर मेरी रातों में फर्क है तो सिर्फ इतना ,

कि मुझे नींद नहीं आती ओर तुझे ख्वाब नहीं आते ।

Hindi Shayri by योगेश कुमार : 111267612

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