में तुम्हे अब भूल ही नही शकता,
बसाया है तुमको जिस्ममें साँसों की तरह,
बहती हो तुम रगों में लहू की तरह,
हर सुबह, हर शाम तू ही तू नजर आए,
अब तुहि बता कैसे तुजे भूल पाए ?

#केप्टन @श्याम

Hindi Blog by Nirav Patel SHYAM : 111256300

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